GITA A LIFE MANAGEMENT MANUAL

GITA A LIFE MANAGEMENT MANUAL

जीवन प्रबंधन निर्देशिका गीता

गीता-गीत हेतु वंदना

वीणावादिनि वर दो गीता को गीत बना गुन गुना सकें |

लेखनी,विनायक कृपा व्यास-श्रुति निज विवेक से दिखासकें ||

रख मन प्रशांत उर प्रीति सदा सामर्थ बुद्धि वैभवकारी |

हो जाएँ सृजन तन्मय, रचनाएँ जीवन हित  मंगलकारी ||

प्रभु पार्थसारथी कर्म शौर्य प्रेरित वचनों से शिवकारी |

आये वसंत जनजीवन में मन सुने कुहू सी ध्वनि प्यारी ||

पाखी-मन उड़ पहचान प्रकृति हर पल नित अपना बनासकें |

वान्या से विजय माला ले संघर्षों में सफलता मना सकें ||

Posts in this series:

  1. Concept of Gita
  2. Gita in the Context of the Mahabharata
  3. GITA-GEET (Introduction) गीता-गीत (भूमिका)
  4. GITA- GEET Chapter 1 (1-19) गीता-गीत प्रथम-अध्याय श्लोक 1-19
  5. GITA-GEET Chapter 1 (verses 20-30) गीता-गीत  प्रथम-अध्याय श्लोक(20-30)
  6. GITA-GEET Chapter 1 (30-47) गीता-गीत  प्रथम-अध्याय श्लोक(30-47)
  7. GITA-GEET Chapter 1 (30-47) गीता-गीत  प्रथम-अध्याय श्लोक(30-47)
  8. GITA-GEET Chapter 2 (1-9) गीता-गीत  द्वितीय-अध्याय श्लोक(1-9)
  9. GITA-GEET Chapter 2 (10-19) गीता-गीत द्वितीय-अध्याय श्लोक(10-19)
  10. GITA-GEET Chapter 2 (20-26) गीता-गीत द्वितीय-अध्याय श्लोक(20-26)
  11. GITA-GEET Chapter 2 (26-30) गीता-गीत द्वितीय-अध्याय श्लोक(26-30)
  12. GITA-GEET Chapter 2 (31-38) गीता-गीत द्वितीय-अध्याय श्लोक(31-38)